महाराणा प्रताप पब्लिक सीनियर सेकन्डारी स्कूल
कालू बॉस में अंग्रेजी माध्यम के इस स्कूल की स्थापना अगस्त १९८५ में चांडक धर्मशाला में महाराणा प्रताप विद्यापीठ संस्थान को कस्बे के बालक-बालिकाओं को अंतराष्ट्रीय स्तर पर अंग्रेजी भाषा की जानकारी हेतु की गयी | इसके पश्चात कुछ समय केलिए हरखचंद भादानी ट्रस्ट में अनेकानेक प्रबुद्धजनों, शिक्षाविदों एवं सामाजिक कार्यकर्याओं का जुराओं रहा है |
विद्यालय का स्वयं का अपना भवन बने इसके लिए जमीन श्री मोहनलाल डागा सुपत्र श्री रामचन्द्र डागा ने सवा तीन बीघा निःशुल्क प्रदान की है | वर्तमान में लगभाग ७०० विद्यार्थी अध्यन कर रहे है | भावी योजना है कि विद्यालय को प्राप्त जमीन पर एक सुन्दर भवन का निर्माण शीघ्रातिशीघ्र हो हालांकि इस दिशा में कई भामाशाहों से सम्पर्क किया जा रहा है और शीघ्र ही विद्यालय का अपना भवन होगा | विद्यालय का कार्य संचालन महाराणा प्रताप विद्यापीठ संस्थान कर रहा हैं | वर्तमान में श्री सुन्दरलाल सिंधी अध्यक्ष तथा श्री श्रीगोपाल राठी मंत्री के पद पर अपनी सेवाएं दे रहा है | सम्पर्क : 09414148137
सेसोमूं स्कूल - सेसोमूं गर्ल्स कॉलेज
सेसोमूं स्कूल - सेसोमूं गर्ल्स कॉलेज के संस्थापक श्री जगदीश चन्द्र मुंधड़ा ने सन १९८० में अमेरिका जाने के पश्चात् अपनी मातृभूमि के ऋण से उऋण के चाहत मन में महसूस की | उनको श्रीडूंगरगढ़ में उच्च कोटि की शिक्षा का पूर्णातया अभाव दिखाईं दीया तथा इसी तरफ आगे बरने केलिए सन १९९८ में नेशनल हाईवे ११ पर शिक्षा हेतु एक एक जमीं खरीदी | जिसका शिलान्यास भी तत्कालीन शिक्षा मंत्री माननीय ललित किशोर चतुर्बेदी के कर - कमलों दे करवा दिया गया और सन १९९९ में स्व. श्री भैंरूदान बाहेती के कर - कमलों से उदघाटन सम्पन्न हर दिया गया | सेसोमूं स्कूल अंग्रेजी माध्यम का अवासिया विद्यालय हैं जिसमें भारत के कोने कोने ठ विद्यार्थी सिनियोर सेकेंडरी तक शिक्षा कर रहा हैं | यंहा बाणिज्य तथा विज्ञान संकाय दोनों हैं | छात्रों के सर्बांगिन विकास हेतु जहाँ एक और खेल के बड़े बड़े मैदान हैं, वही दूसरी ऑर कला का ज्ञान देने के लिए संगीत कक्ष, चित्रकला कक्ष भी हैं | यंहा लगभग १२०० व्याक्तियों के बैठने के क्षमता वाला अत्याधुनिक उपोकरोनो से सुसज्जित मल्टीपार्पास ऑडिटोरियम भी हे | यंहा कक्षा ५वि के बाद कक्षा कक्ष जगह हैं, प्रत्येक विषय वार प्रयोगशालायें हैं | जहां अनुभबि शिक्षकों द्वारा कंप्यूटर, प्रोजेक्टर, डी.वि.दी. प्लेयर तथा मांडल द्वारा बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान कि जाती हैं | बच्चों को सी.पि.टी, पि. एम्. टी., ए.आई.इ.इ.इ. एवं अन्य परीक्षायों हेतु कोचिंग कि व्यबस्था हैं | लरकियों की उच्च शिक्षा हेतु सन २००९ में सेसोमूं गर्ल्स शिक्षण संस्थान द्वारा बालिका महाविद्यालय खोला गया हैं | बच्चों में तैराकी के लिए स्विमिंग पूल भी बनाया गया है | बालक, बालिकाओं के चहुमुखी विकाश के लिए नृत्य, संगीत, कला, योग, प्राणायाम, ध्यान व शारीरिक सौष्ठभ के लिए घुरसवारी, जिमनास्टिक व अन्य प्रकार की सुविधायें भी उपलब्ध है | यंही पर भारतीय संस्कृति, अनुशाशन, चरित्र व संस्कारों के निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है | सम्पर्क सूत्र:(०१५६५) २२३०२५, २२४३३०, २२४३३१
तेरापंथ भवन
श्रीमद् आचार्य श्री तुलसीराम महाप्रज्ञ साधना संस्थान, कालुबास (श्रीडूंगरगढ़) द्वारा तेरपंथ भवन की स्थापना सन २००७-२००८ में की गई | इस तेरापंथ भवन की आधारशिला दिनांक २५ फरवरी २००८ कि स्व . श्री धर्मचन्द्र पुगलिया द्वारा रखी गई | इसके ट्रस्ट में १९ संस्थापक ट्रस्टई, ६ संरक्षक ट्रस्टई, एवं ५५ आजीवन ट्रस्टई हैं| इस भवन का उद्घाटन आचार्यश्री महाप्रज्ञजी एवं तत्कालीन युवाचार्य श्री महाश्रमणजी के सान्निधय में दिनांक २ दिस्म्बर २००९ को श्री भीखमचंद पुगलिया द्वारा किया गया | यह भवन आज श्रीडूंगरगढ़ की ह्रदय स्थल में स्थित सर्बाधिक उपयोगी साबित हो रहा हैं | इस भवन निर्माण के पश्चात् आचार्यश्री महाप्रज्ञजी का २ मास से भी ज्यादा समय सुखद प्रवास rhaa | आज इसका ग्राउंड फ्लोर तेरापंथ संघीय कार्यक्रमों में बहुत ही उपयोग में आ रहा हैं | इसके अलावा समय-समय पर तेरापंथ युवक परिषद्, तेरापंथ महिला मंडल एवं तेरापंथ शभा द्वारा विभिन्न प्रकार के संघीय का कार्यक्रमों का संचालन इसी भवन में हो रहा हैं | प्रथम एवं द्वितीय तल विवाह, नामकरण इत्यादि सामाजिक कार्यक्रमों में उपयोग किया जा रहा हैं | खुले मैदान एवं हॉल में आध्यात्मिक यथा- व्याख्यान, प्रवचन, श्रीमदवागवत कथा, सेमीनार, स्वास्थ जांच शिविर तथा महिलायों द्वारा समाज विकास हेतु विभिन्न आयोजन किये जा रहा हैं| संघीय द्रिष्टि से यही तेरापंथ भवन वास्तविक उपयोग में आ रहा हैं | इस स्थान को धोलिया नोहरा के नाम से भी जाना जाता हैं| वर्तमान में ट्रस्ट अद्यक्ष श्री भीखमचंद पूगलिया एवं मंत्री मालचंद सिंधी की टीम कार्य कर रही हैं| सम्पर्क सूत्र : श्री तोलाराम पुगलिया-०९३५१२५१२५८
तुलसी सेवा संस्थान
तुलसी मेडिकल एण्ड रिसर्च सेण्टर, तुलसी सेवा संस्थान या तुलसी अस्पाताल इत्यादि-इत्यादि नामों से पुकारा जाता हें श्रीडूंगरगढ़ कस्बे के मध्य में स्थित एक भव्य - बहुमंजिलें भवन को जहाँ सेवा भावना के साथ बिना किसी भेद-भाव के उचित मूल्यों पर इलाज किया जाता हैं, कुशल चिकित्सकों व चिकित्सा कर्मियों द्वारा | प्रमाणिक दवाईयां भी उपलब्ध हैं, अच्छे भले दिसकाउण्ट पर चौबीसों घण्टे |सन १९८९ में कस्बे के कुछ कलकत्ता प्रबाशी युवकों ने आपने गाँव के लिए कुछ करने का लक्ष्य लेकर एक छोटा-सा पैथोलोजी-लैब स्थापित करने का निर्णय लिया था| युग प्रधान आचार्य श्री तुलसी के नाम पर बना यह सेबा संस्थान आज ७५ बेड का एक परिपूर्ण चिकित्सा केन्द्र हैं| यहाँ नित्य ६ डाक्टरों द्वारा ३०० से ज्यादा रोगी देखने वाला आउटडोर हैं, सम्पूर्ण सुसज्जित ऑपरेशन थियेटर हैं, ए.सी. नान ए. सी, जनरल वार्ड व कमरे हैं, डाक्टरो इत्यादि के रहने फ़्लेत्स हैं, एक्सरे, सोनोग्राफी सहित विकासित रोग-निदान-केन्द्र हैं, और विशेष बर्नीय हैं, इसकी अपनी मेडिकल शॉप जहाँ सभी तरह की दवाईयाँ डिस्काउंटेड रेट पर चौबीसों घण्टे उपलब्ध हैं| इस तरह कस्बें का यह "तुलसी अस्पाताल" आस-पास के सैकरों गाँवो ही नहीं परोसी कस्बों के लिये भी भरोसेमंद चिकित्सा केन्द्र हैं |
सेबा संलग्न कार्यकर्त्ता, कुशल चिकित्सक व समर्पित चिकित्सा कर्मी जहाँ इस सफल सेवा संस्थान की आधार संरचना हैं, वहाँ श्रीडूंगरगढ़ कसबे के लिए आस-पास के सैकरों गाँवो केलिए यह चिकित्सा केन्द्र अपरिहार्य हैं| कार्यकर्त्ताओँ का निरंतर प्रयास सराहनीय ही नहीं अनुकरणीय भी हैं| इसका संचालन तुलसी सेवा संस्थान कोलकता द्वारा किया जा रहा हैं| वर्तमान में इसके मंत्री श्री भीखमचंद पुगलिया हैं| सम्पर्क सूत्र: (०१५६५) २२३६४६
सेवा भारती
समाज के जरूरमंद एवं पिछड़े हुए परिवारों की सेवा का भाव लेकर संस्था अपना कार्य कर रही हैं | संस्था द्वारा समस्त चिकित्सालयों में भर्ती रोगियों व उनके परिजनों हेतु न्यूनतम दर पर भोजन, सिलाई, केन्द्र के द्वारा महिलाओं व बालिकाओं को निःशुल्क सिलाई प्रशिक्षण, नवरात्र एवं कृष्ण जन्माष्टमी पर युवाओं, बच्चों व महिलाओं में नृत्य, डांडिया प्रतियोगिता तथा आध्यात्मिकता के लिए कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता हैं|
ग्रीष्म ऋतू में प्याऊ, समय-समय पर मेडिकल शिबिर लगाना व निःशुल्क दवाएं उपलब्ध कराना, प्राकृतिक आपदाओं में पीड़ितों कि मदद जैसे कार्य किये जा रहे हैं| संस्था मानव सेवा के लिए अग्रणी भूमिका का निर्वाहन कर रही हैं | इसका सञ्चालन गठित कार्यकारिणी समिति द्वारा किया जा रहा हैं | वर्तमान में इसके जिलाध्यक्ष श्री रूपचंद सोनी, अध्यक्ष श्री हीरालाल मोहता एवं मंत्री श्री इंद्रचंद तापड़िया हैं |
पारीक भवन
पारीक समाज सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट कालू बास श्रीडूंगरगढ़ द्वारा निर्मित भवन की संवत २०३९ की माघ शुक्ल पक्ष पुर्णीमा को हुई | यह भवन नेहरू पार्क के पास स्थित हैं तथा तीन तल्ले का बना हुआ हैं, जो सभी समाजों के कार्यों में काम आता हैं | यहाँ पर दो शादियां एक ही साथ हो सकती हैं और भवन में सभी आवश्यक सामान उपलब्ध हैं | जैनरेटर की पूर्ण ववस्था भी हैं | यह भवन पारीक समाज के गौरब को प्रदान करने वाला हैं | वर्तमान मेंम इसकी देखरेख ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष श्री किशान पाण्डिया, अध्यक्ष श्री सीताराम पाण्डिया एवं मंत्री श्री पूर्णराम पारीक कर रहा हैं | सम्पर्क : ०९४१४१४४८२६४
परासर भवन
कालू बास के उत्तर भाग में स्थित पारीक समाज द्वारा निर्मित भवन लगभग ३१ वर्ष पूर्व बनाया गया था | इस भवन में शादी-विवाह तथा अन्य मांगलिक कार्यो के अतिरिक्त महर्षि पराशर जी का मंदिर स्थापित है जहाँ रोज-पूजा- अर्चना की जाती है | बर्तन इत्यादि की सुविधा भी इस भवन में उपलब्ध है | सम्पूर्ण भारवर्ष में महर्षि पराशर की मूर्ति पूजा यहाँ पर ही होती है | महर्षि पराशर जी की ही वेदव्यास जी उत्पत्र हुए थे, जिन्होंने १७ पुराणो तथा श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की थी | इन्ही वेदव्यासजी के श्री शुकदेवजी उत्पत्र हुए हैं | फिलहाल इसकी देखभाल सांवरमल जोशी क्र रहा हैं |
श्रीराम सेवा समिती, रूपालसर बास
कालू बास के अन्तर्गत सबसे पुरातन रूपालसर बास में श्रीराम सेवा समिती द्वारा सामाजिक क्षेत्र में विवाह, जागरण तथा अन्य आयोजनों में बर्तन, दरी इत्यादि आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया जा रहा है | वर्तमान में श्री तोलाराम व्यास, श्री बृजलाल व्यास, श्री मदनलाल जोशी, श्री तोलाराम जोशी, श्री माणकचंद बोहरा, श्री रामेशवरलाल व्यास, श्री हरिराम व्यास, श्री मूलतनाराम व्यास, श्री पृथ्वीराज व्यास, श्री हनुमानमल व्यास, श्री छगनलाल पाण्डिया, श्री बजरंगलाल मोट, श्री शिवरतन छंगाणी, श्री राजकुमार व्यास एवं श्री आसाराम स्वामी की देखरेख में बनी समिती द्वारा भलीभांति कार्य किया जा रहा हैं| आने वाले समय में संस्था के लिए एक जगह लेकर सभी प्रकार की सामाजिक सेवाएं प्रदान करने का लक्ष है | सम्पर्क : 09414417493
श्री ठाकुरजी मन्दिर, रूपालसर बास
कालू बॉस के रूपालसर बास में स्थित श्रीठाकुरजी मन्दिर के साथ-साथ श्री हनुमानजी एवं भगवान शिव का भी मन्दिर है| इस मंदिर की सेवा पूजा वर्तमान में स्व. श्री गोविन्ददास, श्री कानदास, स्व. श्री मग्दास स्वामी के परिवार द्वारा बारी-बारी से कि जा रही है | मन्दिर का निर्माण रूपलासर बास के बसने के साथ-साथ ही होने की जानकारी है | स्व. श्री धनाराम जोशी, स्व. श्री रेंवतदास स्वामी तथा व्यास परिवार के सान्निध्य में इसकी स्थापना हुई है | पुरातन मन्दिर का नवनिर्माण सर्वश्री तोलाराम व्यास, स्व. श्री लक्ष्मीनारायण जोशी एवं श्री रामेशवरलाल व्यास द्वारा सबके सहयोग से करवाया गया है | यहाँ दैनिक पूजा करने अनेकों भक्तजन आते हैं | मन्दिर की व्यवस्था हेतु एक समिती बनी हुई है जिसके अध्यक्ष श्री तोलाराम व्यास, मंत्री श्री माणकचंद बोहरा तथा कोषाध्यक्ष श्री पृथ्वीराज व्यास हैं |
श्री रामदेवजी मन्दिर, रूपलासर बास
कालू बास के रूपलासर बास में स्थित बाबा श्री रामदेवजी का यह भव्य मन्दिर हैं| इस मन्दिर के दर्शानार्थ भादवा की दशमी को लगने वाले मेले में अपार भीड़ होती है तथा दूर-दूर से यात्री आते हैं | इस मन्दिर की पूजा वर्तमान में स्व. श्री गोविंद दास, श्री कानदास तथा स्व. श्री ंघदास स्वामी का परिवार करता है | मन्दिर की व्यवस्था हेतु एक समिती भी बनी हुई है जिसके अध्यक्ष श्री पेमाराम मैया तथा मंत्री श्री माणकचंद बोहरा हैं | समिती में सर्वश्री तोलाराम व्यास, श्री हनुमानराम जोशी, श्री रामदेव बोहरा, श्री सोहनलाल पुरोहित तथा श्री गोपाल घिंटाला शामिल हैं |
श्री पवनपुत्र पारीक प्याऊ
श्री डूंगरगढ़ बाजार कि बस स्टैण्ड पर स्तिथ नव निर्मित प्याऊ जिसके अतिक्रमण अभियान के तहत एक बार तोर दिया गया था | किन्तु निर्माता श्री पूर्णाराम पारीक ने जोधपुर हाइकोर्ट से अनुमति लेकर इसे पुनः भव्य रूप देकर बनाया | वर्तमान में यह सर्वाधिक पानी पिलाने वाली प्याऊ मानी जाती हैं |
ऋषिकुल संस्कृत विद्यालय
श्री हनुमान धोरा के पास नेशनाल हाईवे ११ पर स्थित श्रीडूंगरगढ़ के पांडित्य का गौरव हैं इस विद्यालय को आदरणीय दंडी स्वामी संत श्री रामानन्द जी महाराज ने भरपूर प्रयास कर इसके कार्य को अग्रगति प्रदान कि | श्री ओमप्रकाश राठी एवं उनकी कमिटी ने आगे बरकार इस शैक्षाणिक कार्य में हिस्सा लिया | वर्तमान में इसकी देखरेख का तत्पश्चात विद्यार्थी अपना पांडित्य का कार्य शुरू क्र देने कि लिए स्वतंत्र हो जाता हैं | याही कारण हैं कि आज श्री डूंगरगढ़ में पांडित्य की कमी नहीं हैं वर्तमान में लगभग ६० विद्यार्थी विद्याध्ययन कर रहे हैं | विद्यार्थियों के लिए सम्पूर्ण निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था कि गयी है | इस हेतु एक ट्रस्ट बनाया गया है जिसके माध्यम से इसका संचालन हो रहा हैं | सम्पर्क-(०१५६५) ५१२२११
श्री श्री भूतेश्वर मन्दिर
महादेव शंकर की असीम कृपा से श्री डूंगरगढ़ कस्बे कि हाई स्कूल के सामने, भीखमचंद पारख मार्ग के अन्तिम छोर पर पारख परिवार द्वारा सम्बत २०५४ में एक भव्य मन्दिर का निर्माण कराया गया | भोलेनाथ की साक्षात दृष्टि पाकर बने इस मन्दिर में सम्पूर्ण शिव-परिवार के साथ माँ दुर्गा एवं वीर-हनुमान की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं| भगवान् शिव एवं माँ पार्वती की गोदी में बैठे गणेश की मूर्ति तो आलौकिक हैं |
स्वर्गीय जीवराजजी पारख एवं उनकी धर्म पत्नी श्रीमती राजू देवी पारख के कर-कमलों से सम्बत २०५४ में विधि - विधान पूर्वक एक भव्य आयोजन के साथ मूर्तियों की प्राण- प्रतिष्ठा हुई | जहाँ जंगल में मंगल की कहाबात को चरितार्थ करते हुए सुबह शाम भक्तों कि भारी भीड़ पूजा- अर्चना करती है वहीं प्रति वर्ष महा-शिवरात्रि को विधि-विधान से चारों-पहरों की चार पूजाएँ सेंकड़ों भक्त- परिवारों द्वारा की जाती हैं | पारख परिवार के प्रमुख श्री जतनलाल पारख या उनके छोटे भाई आनंद पारख सपरिवार शिवरात्रि की पूजा में भाग लेतें हैं | श्रीडूंगरगढ़ कस्बे का यह श्री श्री भूतेश्वर मन्दिर शिव भक्तों की अनन्त आस्था का प्रतिक हैं |
लायंस कल्ब ग्रेटर
सेवा के क्षेत्र में लायंस का नाम ही काफी हैं | श्रीडूंगरगढ़ में सन १९९८ को स्थापित लायंस क्लब ग्रेटर सर्वाधीक सक्रिय एवं लोकप्रिय संस्था का ही एक स्वरुप हैं | क्लब द्वारा अन्धता निवारण अभियान के अन्तर्गत अभीतक लगभग ७ हजार से अधिक निःशुल्क मोतियाबिंद के ऑपरेशन किये जा चुका हैं | क्लब द्वारा रोगियों को सार्जिकल बैड, व्हील चेयर, जरूरतमंद विद्यार्थी को प्रतिवर्ष स्कूल फ़ीस व स्टेशनरी प्रदत्त करना, रोडवेज परिचय पत्र निर्माण शिबिर, बृक्षारोपण, कम्बल, स्वेटर इत्यादि का वितरण तथा प्राकृतिक आपदाओं में तुरन्त सहायोगी बनने का कार्य किया जा रहा हैं | वर्तमान में इसके अध्यक्ष युवा लायन श्री विमल भाटी, सचिव लायन श्री सत्यनारायण स्वामी अपनी सम्पूर्ण टीम के साथ मानव सेवा का कार्य कर रहे हैं | सम्पर्क : ०९४१४७७७२५४
लायंस क्लब यूनिक
इसकी स्थापना १ सितमबर २०१० को क्लब के गवर्नर लायन श्री विकाश गंगवाल के सान्निधय में हुई | क्लब सेवा के कार्य में मुख्य रूप से ऑक्सीजन सिलिण्डर, वाटर बैड, नेबुलाइजर एवं जहर निकालने की मेंशिन जरूरतमंदों तक पहुँचाने का कार्य कर रही हैं | वर्तमान में सुमति सुराणा अध्यक्ष एवं सचिव श्री के. एल. जैन कि टीम सक्रिय रूप से सेवा का कार्य कर रही हैं |
नागरिक विकाश परिषद
परिषद के गठन के पश्चात सन १९७८-७९ में इसका रेजिस्ट्रशन हुआ | परिषद श्री डूंगरगढ़ क्षेत्र में किसी भी प्रकार की दुर्घटना एवं चिकित्सा सम्बन्धित आपात स्थिति पर तुरन्त सहायोगी बनती हैं तथा एम्बुलेंस एवं ऑक्सीजन की सेवा भी उपलब्ध करती हैं | अकाल के समय परिषद पशु सेवा शिविरों हेतु भरपूर चारा डिपो खेलकर सेवाएं अर्पित करती हैं | प्रतिवर्ष स्वतन्त्रता एवं गणतन्त्र दिवस पर रक्तदान शिविर लगाना, निःशुल्क मोतियाबिद ऑपरेशन शिविर लगाना, विद्यार्थियों के लिए खेलकूद, चित्र, निबन्ध, गायन, कविता, भाषण, इत्यादि की प्रतियोगिताएं, आयोजित करना मुख उद्देश्य है | इसका संचालन कार्यकारिणी समिती द्वारा किया जाता हैं| वर्तमान में अध्यक्ष श्री जगदीश मुंधड़ा, उपाध्यक्ष श्री बजरंगलाल सेठिया व मंत्री श्री गोपाल राठी हैं |
श्रीडूंगरगढ़ महाविद्यालय
श्रीडूंगरगढ़ के मुख्य राजमार्ग नेशनल हाइवे नं. ११ पर स्थित हैं यह महाविद्यालय | इसकी स्थापना १९९५ में शिक्षाप्रेमी स्व. खेतारामजी मोहता ने जनसहयोग लेकर इस शिक्षा के काम को मूर्त रूप देने में अपनी अग्रणी भूमिका निभायी | इस महाविद्यालय में वर्तमान में परीक्षा केन्द्र नियमित रूप से अपनी सुचारु रूप से सेवाएं प्रदान कर रहा हैं तथा भावी योजना के अन्तर्गत ऊपर मंजिल बनाने का कार्य अभी चल राहा हैं | इस महाविद्यालय में बी. ए. , बी. कॉम, बी.सी.ए की शिक्षा दी जा रही हैं | वर्तमान में लगभग ७०० विद्यार्थी इसमें अध्ययन कर रही हैं | इस महाविद्यालय का संचालन महेश चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा किया जा रहा हैं |
बाल भारती विद्यालय
बाल भारती विद्यालय स्टेशन रोड पर अवस्थित हैं | इसकी स्थापना लगभग ५३ वर्ष पूर्व स्व. दानवीर सोहनलाल जी डुगर की विशेष प्रेरणा से की गई | उस समय शिक्षा के लिए श्री डूंगरगढ़ में बहुत कम सुविधाएं उपलब्ध थी| वर्तमान में उच्च प्राथमिक तक छात्र एवं छात्राएं अध्यनरत हैं तथा कक्षा ९ से १२ तक केवल छात्रायों की शिक्षा हो रही हैं | इसके सञ्चालन का कार्य लोक शिक्षण समिती (संस्थापक) द्वारा की जा रही हैं |
श्री गोपाल गोशाला - बिगा बास
सरदार शहर रोड पर इस गोशाला की स्थापना लगभग ८५ वर्ष पूर्व की गयी थी | यह गोशाला श्रीडूंगरगढ़ की सबसे प्राचीन गौशालाओं में हैं | इस गोशाला का अपना भवन तथा चारागाह हैं, जिसमे गौमाता, सांड इत्यादि कि भरपूर सेवा की जाती हैं | इस गोशाला में कई संतो का आगमन भी चूका हैं | जिसमें मुख्य रूप से स्वामी श्री रामसुखदासजी महाराज, श्री कृष्णानन्द जी महाराज, आचर्य श्री महाप्रज्ञा जी तथा आचार्य श्री महाश्रमण जी हैं | वर्तमान में इसकी देखरेख का कार्य श्री गोपाल गोशाला समिती कर रही हैं | इस गोशाला कि एक शाखा कालू रोड पर गुसांईसर में स्थित हैं, जहाँ पर मुख्य रूप से पशुओं की जाती हैं| इस गोशाला में ट्रस्ट के माध्यम से पुरे श्रीडूंगरगढ़ वासियों का सहयोग प्राप्त हो रहा हैं | समय-समय पर गोशाला के पदाधिकारिओं की आपसी मीटिंगे इसकी सुव्यवस्था हेतु होती रहती हैं | गोपाष्टमी के दिन शहर का सबसे बड़ा मेला यहाँ आयोजित किया जाता हैं |
श्रीकृष्ण गोशाला
श्रीकृष्ण गोशाला की स्थापना कालू बास के माननीय नागरिकों द्वारा की गई | इसमें मुख भूमिका श्री शिवनारायण राठी की रही हैं | अकाल के समय गो-माता एवं गो-वंश की रक्षा करने के उद्देश्य से इस गोशाला की स्थापना हुई | वर्तमान में इस गोशाला में दुधारू गाएं तथा सेवा लायक गो-वंश भी हैं | यह गोशाला शहर के कालू बास में पश्चिमी भाग पर स्थित हैं | कालू बास के गो भक्त रोजाना इस गोशाला में जाने का क्रम बनाये हुए हैं | इसमें गोपाष्टमी के दिन गायों की पूजा-अर्चना का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता हैं | गोशाला प्रांगण में गोवंश के लिए चारा इत्यादि रखने की व्यवस्था की गई हैं |
वर्तमान में गोशाला की देखरेख इस हेतु बनी समिती कर रही हैं | जिसमें मुख्यरूप से श्री शिवनारायण राठी अपनी महती भूमिका पूरी टीम के साथ निभा रहे हैं |